एक छोटा सा दिल
और दिन में चैन
एक छोटा सा दिल
करता है कितना बेचैन...
भटकता है ज़िन्दगी भर ये आवारा दिल
मिल भी जाये अगर सब कुछएक छोटा सा दिल
करता है कितना बेचैन...पलक झपकते रोता है ये दिल क्यों?
ना जाना अभी तक ऐसा होता है क्यों?एक छोटा सा दिल
करता है कितना बेचैन...
मिल जाये जो करे प्यार उसको
चाहत हर एक दिल का है बस यही
एक छोटा सा दिल
करता है कितना बेचैन...
दुनिया सिमट जाती है छोटे से दिल में
फिर भी ये ढूंढता रहता है सारा जहान
एक छोटा सा दिल
करता है कितना बेचैन...
--- स्वरचित ---
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