Tuesday, December 28, 2010

उनके आंसू मोतियों से भी कीमती (28th December 2010, 0025 Hrs)


उनके आंसू मोतियों से भी कीमती
बस हम ही पढ़ सके उन आंसूंओं कि दास्तान...

दुनिया खड़ी  देखती रही उनको रोते
हमने एक कदम तो बढाया उनकी ओर...
पोंछ न पाउँगा मैं सारे आंसू मगर
ये गिला तो न होगा कि मैंने कोशिश भी नहीं की...

उनके आंसू मोतियों से भी कीमती
बस हम ही पढ़ सके उन आंसूंओं कि दास्तान...

कुछ ने साथ दिया और कुछ ने हसीं उड़ाई
हमने मगर दुनिया की परवाह किये बिना
ये जीवन समर्पित कर डाला उन लोगों के नाम
जो पेट भरते रहे सालों साल दुनिया के अपने खून से ...

उनके आंसू मोतियों से भी कीमती
बस हम ही पढ़ सके उन आंसूंओं की दास्तान...

चमकते हैं ये सारे मोती कुछ इस तरह से
मानो कहना चाहतें हैं दुनिया से अपनी दास्तान-ऐ-सिला 
मगर फुर्सत ही कहाँ है दुनिया के पास
जो बस कुछ पल के लिए सुन सके दर्द-ऐ-दिली दास्तान

उनके आंसू मोतियों से भी कीमती
बस हम ही पढ़ सके उन आंसूंओं कि दास्तान...


-- स्वरचित --

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