सत्य की खोज में
निकला जब दुनिया में
तो चारो ओर बस
झूठ ही झूठ मिला
होश संभाला भी नहीं था
कि माँ ने कहा
मुन्ना राजा खा ले जल्दी
नहीं तो राक्षश आ जायेगा
पाठशाला में भी सबसे पहला सबक
सत्य का ही था
हकीकत मगर दुनिया का कुछ ओर था
असमंजस दिल बस भटकता ही रहा
कुछ बड़ा जब हुआ
तो पिताजी ने नसीहत दी
बेटा दुनिया जीतना है
तो थोडा झूठ बोलना सीखो
सत्य है कहाँ?
सत्य है कौन?
सत्य किसका है?
सत्य की खोज में बस घूमता ही रहा
सत्य असत्य जीवन के दो पहलू
एक के बिना दूसरा है अधूरा
मेरा अस्तित्व है अगर सत्य
तो मेरा जीवन है क्यों असत्य से घिरा हुआ?
-- स्वरचित --
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