Saturday, September 18, 2010

ओह यारो, लुटा दिया करोड़ों देखो इंडिया... (18th September 2010, 1355 Hrs)



एक गाना के लिए पांच करोड़ का
चूना लगा लिया कलमाडी रहमान देश को
ओर सोने के लिए छोड़ दिया सब को
अब सब गाओ मेरे साथ एक साथ
ओह यारो, लुटा दिया करोड़ों देखो इंडिया...

जैसे एक लाक करोड़ लूटना कम था
सबने खाया, सबने जी भर के पिया
दिल्ली के राष्ट्र मंडल खेल से
और स्विस बैंक का भर गया खजाना

अब सब गाओ मेरे साथ एक साथ 
ओह यारो, लुटा दिया करोड़ों देखो इंडिया...


करोड़ों का अनाज सडा कर
भारत के दिग्ज नेताओं ने
लाखों गरीबों से निवाला छीन कर
शराब लुटा दिया पांच सितारों में

अब सब गाओ मेरे साथ एक साथ 
ओह यारो, लुटा दिया करोड़ों देखो इंडिया... 


सब कुछ लूटने के बाद
देश का प्रधान मंत्री जाग कर कहता है
देश की गरिमा को बचाना है
सब काम किसी भी तरह पूरा होना चाहिए

अब सब गाओ मेरे साथ एक साथ 
ओह यारो, लुटा दिया करोड़ों देखो इंडिया... 


सच में गौरव की बात है इंडिया
की १२ दिनों के खेलों के लिए
किस तरह कलमाड़ी, गिल और पार्टी ने
करोड़ों का हेर-फेर करके भी
प्रधान मंत्री और सोनियाजी के अब भी ख़ास हैं

अब सब गाओ मेरे साथ एक साथ 
ओह यारो, लुटा दिया करोड़ों देखो इंडिया...

(दोस्तों है न यह कविता वाका वाका हो हो... )


१८ सितम्बर २०१० 

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