Thursday, September 16, 2010

फिर जीवित कैसे हो? (16th September 2010, 1245 Hrs)

फिर जीवित कैसे हो?

क़ैद हो जाती है
बस तस्वीरों में
कुछ इस तरह
वह लम्हे
जो मस्ती भरी
ज़िन्दगी कि याद
हर पल सताती है
हर एक चाहता तो है
वही पुराने पल
फिर से वापस मिल जाये
पर पल जो
क़ैद हो चुके हैं
तस्वीरों में
वह फिर से जीवित कैसे हो?

सितम्बर २०१० 

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